| Sanchar Setu
भेलूपुर,वाराणसी काण्ड
वाराणसी। भेलूपुर इलाके के धर्मानगर में मंगलवार को पत्नी, 2 बेटों और एक बेटी को गोली से उड़ाने के बाद आरोपी राजेंद्र गुप्ता की लाश भी अमरा अखरी स्थित उसी के दूसरे निर्माणाधीन मकान में मिली थी। यह घर घटनास्थल से 12 किमी दूर है. सनसनीखेज इस हत्याकांड की गुत्थी और उलझ गई है। पहले माना जा रहा था कि राजेंद्र ने अपने परिवार के 4 सदस्यों की हत्या कर दी। इसके बाद फरार हो गया, लेकिन उसकी लाश मिलने के बाद पुलिस की जांच की दिशा ही बदल गई। आशंका है कि राजेंद्र की भी हत्या हुई है.पुलिस सूत्रों का कहना है कि मंगलवार की देर रात लंका थाने पर अधिकारियों और जांच टीम की बैठक हुई, इसके बाद इस मामले को एक ही परिवार के 5 लोगों के कत्ल के रूप में देखा जाने लगा है। इन हत्याओं के पीछे का कारण 22 साल पुरानी रंजिश को माना जा रहा है। राजेंद्र ने अपने भाई, भाई की हत्या कर दी थी। इस दौरान पिता और एक गार्ड की हत्या में भी उसका नाम सामने आया था। पुलिस के अनुसार मंगलवार को भदैनी में राजेंद्र गुप्ता की पत्नी नीतू गुप्ता, बेटे नवनेंद्र, सुबेन्द्र और बेटी गौरंगी समेत पूरे परिवार की सामूहिक हत्या की साजिश पहले ही रची जा चुकी थी। सभी शवों पर मिले 11 गोलियों के निशान इस तरफ भी इशारा कर रहे हैं कि घटना को पेशेवर अपराधियों ने अंजाम दिया है। आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक सभी शवों को पोस्टमार्टम में इस बात की पुष्टि हुई है कि प्रत्येक को 2 से 3 गोलियां मारी गईं। 32 बोर की पिस्टल का इस्तेमाल किया गया. पहले सिर फिर सीने में गोली मोरी गई। इससे वारदात के पीछे किसी प्रोफेशनल बदमाशों के होने की आशंका है। पुलिस की शुरुआती जांच में नीतू, नवनेंद्र, सुबेंद्र और गौरांगी के शरीर पर 9 और निर्माणाधीन मकान में मिली राजेंद्र की लाश पर गोली के 2 निशान मिले हैं. पुलिस पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार कर रही है. छानबीन में नीतू के सिर में 2 राजेंद्र के बड़े बेटे नवनेंद्र नमनेंद्र के सीने में एक गोली और दो गोली सीने के बगल में दाएं तरफ लगी है। बेटी गौरंगी के गले और सिर में एक-एक गोली के निशान मिले हैं। बाथरूम में मिले छोटे बेटे सुबेंद्र को जांघ में गोली लगी, दूसरी गोली सिर में लगी है। घटना में गोली मारने के साथ सिर पर किसी वजनदार चीज से वार करने की बात भी सामने आई है।
पुलिस के बुलाने पर एक भतीजा पहुंचा बनारस, दूसरा नहीं उठा रहा फोन : वारदात को जिस तरह अंजाम दिया गया है। उससे यह साफ हो रहा है कि पूरे परिवार को खत्म करने की साजिश रही होगी। भेलूपुर पुलिस के बुलाने पर छोटा भतीजा प्रशांत उर्फ जुगनू देर रात वाराणसी पहुंच गया. पुलिस ने राजेंद्र के बड़े भतीजे विक्की को भी कई बार फोन कॉल किया, लेकिन उसने रिसीव नहीं किया।
मां के बयान ने बदल दी पूरी कहानी : पुलिस अब 5 हत्याओं के एंगल पर जांच शुरू कर दी है। इसके पीछे की दो बड़ी वजहें हैं, मां ने पुलिस को बताया कि घटना के समय राजेंद्र घर में नहीं था। पुलिस के आधिकारिक सूत्रों का कहना है कि आसपास के तीन सीसीटीवी कैमरा को खंगाला गया, इसमें भैया दूज के बाद राजेंद्र कहीं भी आता-जाता नहीं दिखा। इससे राजेंद्र ने ही परिवार को मारा, यह संदेह खत्म हो गया। राजेंद्र के मोबाइल की लोकेशन भी घटना के एक दिन पहले रात 9 बजे उसके रोहनिया के अमरा अखरी स्थित उसके निर्माणाधीन घर में मिली, यहां से उसकी गोली लगी लाश मिली।
निर्माणाधीन मकान से मिलीं तंत्र मंत्र की किताबें : रोहनिया के मीरापुर रामपुर स्थित अमरा अखरी के देवनगर कॉलोनी में राजेंद्र गुप्ता ने करीब चार बिस्वा जमीन पर 5 साल पहले निर्माण शुरू कराया था। स्थानीय लोगों के मुताबिक अक्सर दो-तीन माह काम चलता था, फिर बंद हो जाता था। पुलिस को निर्माणाधीन मकान से वास्तु शास्त्र और तंत्र मंत्र की किताबें मिली हैं. वास्तु शास्त्र की किताब में लक्ष्मी प्रवास के लिए मकान के नक्शे को लेकर सुझाव है। वहीं तंत्र मंत्र में व्यवसाय और धनाढ्य बनने के उपाय बताये गए हैं. घटना को लेकर मोहल्ले में भी तंत्र मंत्र को लेकर चर्चा थी। इस बारे में डीसीपी काशी जोन गौरव बंसवाल ने तंत्र और साधना के एंगल पर भी जांच आगे बढ़ाने की बात कही थी लेकिन पुलिस इस वक्त पूरी जांच को पुरानी रंजिश से जोड़कर आगे बढ़ा रही है. जिस तरह से सभी को सिर पर गोली मारी गई है, वह यह साफ कर रहा है कि यह काम किसी नए या नौसिखिए का नहीं बल्कि प्रोफेशनल सुपारी किलर्स का है.पुलिस इस पूरे हत्याकांड के पीछे 22 साल पुरानी रंजिश के पन्नों को खंगाल रही है. जिसके बाद राजेंद्र को जेल की हवा खानी पड़ी थी। पुलिस के आधिकारिक सूत्रों का कहना है कि राजेंद्र ने अपने भाई कृष्ण गुप्ता, उसकी पत्नी, पिता लक्ष्मी नारायण गुप्ता और उनके एक गार्ड की 1996-97 में हत्या की थी। उस वक्त कृष्णा के दो बेटे जुगनू और विक्की छोटे थे. बाद में इन दोनों बेटों ने राजेंद्र को सजा दिलाने के लिए कोर्ट में लगातार पैरवी की. अपने बयान भी दर्ज करवाये थे, लेकिन राजेंद्र को जमानत मिल गई. वह बाहर आ गया। राजेंद्र की मां शारदा देवी ने बेटे के पक्ष में बयान देकर मामले को हल्का कर दिया था। मां के ही बयान पर राजेंद्र को जमानत मिल गई थी. उसके बाद से भतीजों के साथ राजेंद्र के संबंध अच्छे नहीं थे। घटना के पहले भतीजे जुगनू को मोहल्ले में भी कुछ लोगों ने देखा था। पुलिस की जांच टीम का कहना है कि भतीजे विक्की को बुलाया गया है. उससे पूछताछ की जा रही है। जुगनू के मोबाइल की लोकेशन बनारस में है मिली है. लेकिन वह फोन रिसीव नहीं कर रहा है। उसे कम से कम 9 बार फोन किया गया है, लेकिन उसका फोन उठ नहीं रहा है. इससे शक और भी गहराता जा रहा है। फिलहाल पुलिस सब पूरे मामले को मां-बाप की हत्या और 22 साल पुरानी इस रंजिश से जोड़कर आगे बढ़ा रही है।
Post a Comment