पंचप्यारों का जगह-जगह हुआ स्वागत
जौनपुर। साहिब श्री गुरूनानक देव जी महाराज का प्रकाशोत्सव परम्परागत ढंग से मना जिसको लेकर कीर्तन, लंगर, कथा विचार के साथ नगर में भव्य शोभायात्रा निकाली गयी। शोभायात्रा में शामिल पंच प्यारे जहां नगरवासियों के लिये आकर्षण का केन्द्र बने रहे, वहीं ढोल, ताशे, नगाड़े पर लोग नृत्य करते नजर आये। इसके पहले गुरूद्वारा तप स्थान श्री गुरू तेग बहादुर साहिब जी रासमण्डल में चल रहे अखण्ड पाठ की समाप्ति के बाद ज्ञानी केशर सिंह ग्रंथी सुन्दर गुरूद्वारा ओलंदगंज का कथा विचार हुआ जिसके बाद ज्ञानी जिओपाल सिंह द्वारा कीर्तन के साथ बाहर से आये जत्थे द्वारा कीर्तन रागी हुआ। समाप्ति अरदास उपरांत गुरू का लंगर चला जहां हजारों लोगों ने मत्था टेक प्रसाद ग्रहण किया। तत्पश्चात् सुन्दर गुरूद्वारा ओलन्दगंज से भव्य शोभायात्रा निकाली गयी जो नगर भ्रमण करते हुये रासमण्डल स्थित गुरूद्वारा पहुंचकर समाप्त हो गयी। शोभायात्रा में ढोल, ताशे, नगाड़े के साथ दसों गुरूओं का प्रतिरूप शामिल रहा जहां लोग पंचप्यारों का स्वागत करते हुये गुरूनानक देव जी के रथ के समक्ष शीश झुकाते नजर आये। नगर के कोतवाली चौराहे पर बने नियंत्रण कक्ष से पूरे मेले का संचालन किया गया।
जौनपुर। साहिब श्री गुरूनानक देव जी महाराज का प्रकाशोत्सव परम्परागत ढंग से मना जिसको लेकर कीर्तन, लंगर, कथा विचार के साथ नगर में भव्य शोभायात्रा निकाली गयी। शोभायात्रा में शामिल पंच प्यारे जहां नगरवासियों के लिये आकर्षण का केन्द्र बने रहे, वहीं ढोल, ताशे, नगाड़े पर लोग नृत्य करते नजर आये। इसके पहले गुरूद्वारा तप स्थान श्री गुरू तेग बहादुर साहिब जी रासमण्डल में चल रहे अखण्ड पाठ की समाप्ति के बाद ज्ञानी केशर सिंह ग्रंथी सुन्दर गुरूद्वारा ओलंदगंज का कथा विचार हुआ जिसके बाद ज्ञानी जिओपाल सिंह द्वारा कीर्तन के साथ बाहर से आये जत्थे द्वारा कीर्तन रागी हुआ। समाप्ति अरदास उपरांत गुरू का लंगर चला जहां हजारों लोगों ने मत्था टेक प्रसाद ग्रहण किया। तत्पश्चात् सुन्दर गुरूद्वारा ओलन्दगंज से भव्य शोभायात्रा निकाली गयी जो नगर भ्रमण करते हुये रासमण्डल स्थित गुरूद्वारा पहुंचकर समाप्त हो गयी। शोभायात्रा में ढोल, ताशे, नगाड़े के साथ दसों गुरूओं का प्रतिरूप शामिल रहा जहां लोग पंचप्यारों का स्वागत करते हुये गुरूनानक देव जी के रथ के समक्ष शीश झुकाते नजर आये। नगर के कोतवाली चौराहे पर बने नियंत्रण कक्ष से पूरे मेले का संचालन किया गया।
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