लायंस क्लब रॉयल ने संगोष्ठी का किया आयोजन
जौनपुर। आधुनिक तकनीक के आपरेशन डीसेक एवं डीमेक द्वारा एक आदमी के मरणोपरांत नेत्रदान से कई दृष्टिबाधितों को रोशनी मिल सकती है। इसका फायदा कार्नियल ब्लाइंडनेस के मरीजों को ज्यादा है जिनकी संख्या हमारे देश में लाखों में है। मृत्यु के 6 घंटे के अन्दर नेत्रदान का कार्य सम्पन्न करा लेना चाहिये। नेत्रदान द्वारा प्राप्त कार्निया को आधुनिक तकनीक द्वारा लम्बे समय तक रिजर्व रखा जा सकता है। यह उद्गार रविवार को लायंस क्लब जौनपुर राॅयल द्वारा आयोजित नेत्रदान व रक्तदान संगोष्ठी को संबोधित करते हुए कार्यक्रम के मुख्य अतिथि वरिष्ठ चिकित्सक डा. अजय पाण्डेय ने व्यक्त किया। उन्होंने कार्नियल ब्लाइंडनेस के कारणों का जिक्र करते हुए कहा कि इसके प्रमुख कारण इन्फेक्शन, चोट लगना तथा मालन्यूटिशन के कारण होने वाली विटामिन ए की कमी है। उन्होंने कहा कि रक्तदान व नेत्रदान का कोई विकल्प नहीं है इसलिए यह दोनों सर्वोत्तम दान है। उन्होंने रक्तदान की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि रक्तदान व नेत्रदान संगोष्ठी आयोजित कर लोगों को जागरूक करने का क्लब का प्रयास अतिप्रशंसनीय है। क्लब अध्यक्ष मधुसूदन बैंकर ने कहा कि अब पूरी आंख न निकाल कर सिर्फ आगे की काली पुतली निकाली जाती है जिससे मृत व्यक्ति के आंखों व चेहरे पर किसी प्रकार का विकार नहीं आता। मृत्युपरांत अपने नेत्रों को दान करके बहुत ही सरल प्रक्रिया द्वारा किसी की अंधेरी दुनिया को रोशन किया जा सकता है। संस्थापक अध्यक्ष अजय गुप्ता ने लायंस क्लब राॅयल द्वारा रक्तदान शिविर आयोजित कर उसके द्वारा प्राप्त ब्लड को ब्लड की अतिरिक्त आवश्यकता से परेशान मरीजों को निःशुल्क उपलब्ध कराने वाले कार्य की सराहना करते हुए कहा कि अन्य संस्थाओं को भी इस दिशा में सार्थक पहल करना चाहिए। कार्यक्रम संयोजक गोपाल जी साहू ने कहा कि नेत्रहीन व्यक्ति को नेत्रदान से मिली दृष्टि दुनिया की सबसे अनमोल खुशी होती है। उपाध्यक्ष संजीव साहू ने कहा कि किसी की अंतिम दृष्टि किसी की पहली दृष्टि बन सकती है। उपाध्यक्ष अभिताश गुप्ता ने कहा कि बिना संकल्प पत्र भरे परिजनों की सहमति से भी नेत्रदान हो सकता है। संगोष्ठी का शुभारंभ मुख्य अतिथि व अध्यक्ष द्वारा दीप प्रज्ज्वलित कर तत्पश्चात ध्वज वंदना से हुआ। गोष्ठी उपरांत क्लब की साधारण सभा की बैठक हुई जिसमें बीते 6 माह के कार्यक्रमों की समीक्षा की गई और आगामी माह के कार्यक्रमों पर व्यापक विचार विमर्श किया गया। कार्यक्रम संयोजक गोपाल जी साहू ने संगोष्ठी में भाग लेने वाले सभी के प्रति आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम का संचालन सचिव अजय सोनकर ने किया। इस अवसर पर कोषाध्यक्ष राजेश किशोर, राज केशरी, राजेन्द्र स्वर्णकार, रसाल बरनवाल, प्रदीप प्रधान, विनीत गुप्ता, ज्ञानेन्द्र साहू, विनोद अग्रहरि, रवि गुप्ता, अभिषेक जायसवाल, योगेश साहू, राजकुमार कश्यप, संदीप सेठी, विवेक गुप्ता, राकेश साहू, रवि शर्मा आदि उपस्थित रहे।Jaunpur : नेत्रदान व रक्तदान है महादान: डा. अजय
byटीम संचार सेतु
-
0
Post a Comment