अंबेडकरनगर। रामबाबा अतरौरा में प्रारम्भ हुई श्री मद् भगवत कथा का प्रथम दिवस कलश यात्रा के साथ कथा का शुभारंभ हुआ। कथा के मुख्य यजमान एडवोकेट शिव कुमार त्रिपाठी और मुख्य कथावाचक डां. कौशलेंद्र महराज है। कौशलेंद्र महराज ने कथा प्रसंग में बताया कि आज तारीख के अनुसार एक वर्ष पूर्ण हुआ राम लला को दिव्य भव्य मंदिर में। हम सभी लोगों के लिए परम सौभाग्य की बात है कि श्री मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम जी अपने पावन भवन पर विराजमान हैं।
डॉ कौशलेंद्र महराज ने कहा कि साधुत्व की रक्षा के लिए, धर्म की स्थापना, अधर्म का नाश करने के लिए, असुरों के विनाश के लिए भगवान का अवतार हुआ है। अगर पवित्र ह्रदय से हम भगवान का नाम जपे, ध्यान करे तो समझे हमारा कल्याण होना है जो श्रष्टि के कण-कण में व्याप्त है वो किस तरह किस रूप में कोई भी अवतार के रूप में कैसे आ जाते हैं?
भगवान की कथा श्रवण पर उन्होंने कहा कि जिसके अंदर आत्मिक भावना ना हो उनके पास भागवत कथा का वर्णन ना करे अगर वो प्रसंग नहीं समझेंगे तो उसका उपहास उड़ायेंगे क्योंकि कई लोग श्रद्धा से कथा सुनने जाते हैं और कई लोग परीक्षण के लिए जाते हैं।
डॉ. कौशलेंद्र महराज ने बताया कि साधुओं पर देश में हो रहे अत्याचार, प्रहार पर भी उन्होंने चर्चा करते हुए कहा कि एक तरफ पूरे देश में धर्म का जागरण हो रहा है क्योंकि लोगों की चेतना जग रही है लेकिन दूसरी ओर साधुओं की पिटायी हो रही है। एक समय था जब साधुओं के शरण में लोग रहते थे। अगस्त मुनि व महादेव के पूजन सहित भगवान शिव के आनंद अनुभूति के प्रसंग पर चर्चा की। डर और भय के कारण झूठ का व्यापार चल रहा क्योंकि पानी भी दूध में मिला दिया जाय तो पानी भी दूध के भाव बिकता है। उन्होंने कहा कि आत्मा अमर है अगला जन्म आपके अनुसार ही हो ऐसा संभव नहीं। शरीर कितना भी बदले पाप और पुण्य का फल इस जन्म में और अगले जन्म तक रहता है क्योंकि पुनर्जन्म को हम सत्य मानते हैं। आपको अपना कल सुधारना है तो आज की संध्या सुधारे। अगला जन्म आपके अनुसार ही हो ऐसा संभव नहीं क्योंकि अंतिम समय में जो जैसी इच्छा होती है वैसा ही जन्म होता है। काफी संख्या में श्रद्धालु कथा श्रवण करने पधारे कथा स्थल पर लोगों के बीच प्रसाद वितरण किया गया।
डॉ कौशलेंद्र महराज ने कहा कि साधुत्व की रक्षा के लिए, धर्म की स्थापना, अधर्म का नाश करने के लिए, असुरों के विनाश के लिए भगवान का अवतार हुआ है। अगर पवित्र ह्रदय से हम भगवान का नाम जपे, ध्यान करे तो समझे हमारा कल्याण होना है जो श्रष्टि के कण-कण में व्याप्त है वो किस तरह किस रूप में कोई भी अवतार के रूप में कैसे आ जाते हैं?
भगवान की कथा श्रवण पर उन्होंने कहा कि जिसके अंदर आत्मिक भावना ना हो उनके पास भागवत कथा का वर्णन ना करे अगर वो प्रसंग नहीं समझेंगे तो उसका उपहास उड़ायेंगे क्योंकि कई लोग श्रद्धा से कथा सुनने जाते हैं और कई लोग परीक्षण के लिए जाते हैं।
डॉ. कौशलेंद्र महराज ने बताया कि साधुओं पर देश में हो रहे अत्याचार, प्रहार पर भी उन्होंने चर्चा करते हुए कहा कि एक तरफ पूरे देश में धर्म का जागरण हो रहा है क्योंकि लोगों की चेतना जग रही है लेकिन दूसरी ओर साधुओं की पिटायी हो रही है। एक समय था जब साधुओं के शरण में लोग रहते थे। अगस्त मुनि व महादेव के पूजन सहित भगवान शिव के आनंद अनुभूति के प्रसंग पर चर्चा की। डर और भय के कारण झूठ का व्यापार चल रहा क्योंकि पानी भी दूध में मिला दिया जाय तो पानी भी दूध के भाव बिकता है। उन्होंने कहा कि आत्मा अमर है अगला जन्म आपके अनुसार ही हो ऐसा संभव नहीं। शरीर कितना भी बदले पाप और पुण्य का फल इस जन्म में और अगले जन्म तक रहता है क्योंकि पुनर्जन्म को हम सत्य मानते हैं। आपको अपना कल सुधारना है तो आज की संध्या सुधारे। अगला जन्म आपके अनुसार ही हो ऐसा संभव नहीं क्योंकि अंतिम समय में जो जैसी इच्छा होती है वैसा ही जन्म होता है। काफी संख्या में श्रद्धालु कथा श्रवण करने पधारे कथा स्थल पर लोगों के बीच प्रसाद वितरण किया गया।
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