पंकज बिन्द
महराजगंज, जौनपुर। बीते दिनों धनादोहन, अपहरण, छिनैती और धोखाधड़ी को लेकर थाना महराजगंज में अदालत के आदेशानुसार धारा 156/3 के तहत अध्यापक देवेश मिश्र सह दो पुलिसकर्मी सहित कुल 10 लोगों के खिलाफ धारा 420, 406, 504, 506 के तहत मुकदमा दर्ज करके विवेचना शुरू कर दिया है। थाना महराजगंज में दर्ज एफआईआर के अनुसार एसबीजी ग्लोबल कंपनी में पहले से कार्यरत मनोज यादव, अभिजीत यादव, उमाशंकर यादव, राकेश यादव निवासी आजमगढ़ ने कंपनी के सीईओ अनिल यादव से कांफ्रेंसिंग के जरिए हेमन्त कुमार गुप्ता का निवेश करवाया जहां निवेशित धन का अगले 600 दिनों में तीन गुने के साथ वापसी का भरोसा दिया गया। पैसा वापसी आता देख इनके साथी देवेश मिश्र पुत्र रमाकांत मिश्र निवासी हनुमाननगर कोइरीपुर, सुल्तानपुर निवर्तमान कार्यरत बतौर सहायक अध्यापक प्राथमिक विद्यालय शाहपुर सैनी विकास खण्ड बदलापुर ने भी उपरोक्त सीनियरों से मिलकर उन्हीं लोगों के खाते में धन स्थानान्तरित करके अपना निवेश सुनिश्चित किया। देवेश मिश्र द्वारा लगभग अपना निवेशित मूल धन निकाल लेने के उपरान्त बदलापुर क्षेत्र में पैर जमाने व जल्दी कमाने के चक्कर में लोगों को कन्वेंस करना शुरू किया। यहां तक कि विश्वास दिलाने के लिये बतौर गारण्टी चेक बांटना शुरू कर दिये। गारण्टी और लालच के चक्कर में आकर अनिल यादव जिलाध्यक्ष शिक्षक संघ, मनीष सिंह, राय साहब यादव, उमेश मिश्र, धर्मेंद्र यादव, महेन्द्र यादव, शुभम यादव, अरुण सिंह, अनुपम अस्थाना, निमलेंदु यादव, मिथिलेश, आशु प्रभास रंजन दूबे व कई अन्य अधिकारियों ने अपने अपने रिस्क पर अपना अपना निवेश कर दिया। कार्य करने के एवज में ये सभी लोग जिम कॉर्बेट उत्तराखण्ड और कई अन्य कार्यक्रमों में प्रतिभाग करके विश्वास और पुख्ता करते गए और लोगों का निवेश करवाते चले गए। इसी बीच अपरिहार्य कारणों से कंपनी का उक्त प्लान बंद हो गया। कंपनी ने लोगों की भरपाई के लिए अन्य प्लान चलाना शुरू कर दिया। इसी दौरान देवेश मिश्र द्वारा अपने लोगों का साथ लेकर गुंडई के बल पर वसूली की नियत से हेमन्त कुमार गुप्ता का भयादोहन करते हुए कई किस्तों में करीब 12 लाख रुपए वसूल लिए गए। कंपनी द्वारा समाधान के तौर पर 16 लाख की मूल्य का एक प्लॉट लखनऊ में रजिस्ट्री सह दाखिल खारिज हो गए। बावजूद इसके वसूली के लिए नेताओं की मिलीभगत करके बदलापुर थाना के दो पुलिसकर्मी को मिलाकर भयादोहन करते हुए जबरन 9 लाख रूपये का चेक ले लिया गया। इस संदर्भ में हेमंत कुमार गुप्ता द्वारा बार बार थाने में प्रार्थना पत्र दिया गया परन्तु दोनों पुलिसकर्मी को बचाने के चक्कर में कहीं भी एफआईआर दर्ज नहीं हो सकी। यहां तक देवेश मिश्र द्वारा विशेष नेताओं का संरक्षण प्रदान होने के कारण हर बार कार्यवाही से बच जा रहे थे। देवेश मिश्र द्वारा ही अपने लोगों का पैसा अपने तरीके से लिया दिया गया है। तत्पश्चात हेमन्त कुमार गुप्ता द्वारा न्यायालय की शरण में गए जहां पर सीसीटीवी फुटेज व अन्य ऑडियो वीडियो साक्ष्यों के आधार पर देवेश मिश्र सहित इनके सहयोगी अन्य 10 लोगों के खिलाफ आईपीसी की धारा 419, 420, 467, 468 और 471 जैसे गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज करके कार्यवाही करने का आदेश जारी हुआ। स्थानीय नेताओं के दबाव में तीन माह से न्यायालय के आदेश की अवहेलना करते हुए पुलिस विभाग द्वारा मुकदमा दर्ज करने के बजाए केस क्रॉस करने के लिए देवेश मिश्र का ही बिना जांच पड़ताल किए दबाव देने के लिए थाना बदलापुर में केस दर्ज कर लिया जाता है। तत्पश्चात न्यायालय के आदेश की अवहेलना से बचने लिए हेमंत कुमार द्वारा कराया गया कि न्यायालय के आदेशानुसार धारा में फेरबदल करते हुए धारा 420, 406, 504, 506 के तहत मुकदमा दर्ज कर विवेचना शुरू कर दी गई है। विवेचना के दौरान कुछ और लोगों का नाम जुड़ सकता है तथा और भी गम्भीर मामलों से संबंधित धाराएं बढ़ सकती है। दोनों तरफ से केस दर्ज होने के कारण लोगों द्वारा बीच बचाव के तौर पर समझौता करवाने का दबाव डाला जा रहा है। लोगों द्वारा समझौता कर लेने के उपरांत ही कंपनी द्वारा दिया जा रहा बतौर समाधान समझौता का लाभ प्राप्त करके अपनी अपनी अवशेष निवेशित मूल धनराशि को प्राप्त कर सकते हैं।Jaunpur : अध्यापक, दो पुलिसकर्मी समेत 10 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज
byटीम संचार सेतु
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