जौनपुर। जिले में मकर संक्रांति का पर्व हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। सुबह स्नान करके मंदिरों में दर्शन, पूजन के बाद लोगों ने दान दक्षिणा दिया। लाई, चिवड़ा, रेवड़ा खा कर परंपरा का निर्वहन किया। बच्चे दिन भी पतंगबाजी करने में मशगुल दिखे। परंपरा के मुताबिक लोग बहन-बेटी के यहां लाई, चिवड़ा व मिठाई पहुंचाया। पालिटेक्निक स्थित पार्क में मकर संक्रांति पर्व पर बच्चे खेलते नजर आए। लोगों अपने-अपने छतों से पतंगबाजी करके एक दूसरे के पतंग को काटने में मशगुल दिखे। मकर संक्रांति पर्व के मद्देनजर घरों में तरह-तरह के व्यंजन का भी लोग लुत्फ दिन भर लेते रहे। पर्व के मद्देनजर मिठाई एवं पर्व संबंधित सामानों की दुकानों पर खरीददारों की अच्छी खासी भीड़ लगी रही। बताते चलें कि पिछले वर्ष की अपेक्षा इस साल पतंग व पर्व संबंधित सामानों के दामों में उछाल रहा। महंगाई के बावजूद लोग पर्व की परंपरा का निर्वहन करने के लिए सामानों की खरीददारी करने नजर आए।
इधर ग्रामीणांचल इलाकों में भी मकर संक्रांति पर पतंगबाजी को लेकर होड़ मची रही। एक दूसरे की पतंग काटने के चक्कर में बच्चे मशगूल दिखायी देते रहे। एक तरफ जहां प्रशासनिक अमला चाइनीज मांझे पर रोक लगाने के लिए प्रयासरत देखा गया, वहीं क्षेत्र में कहीं-कहीं पतंगबाज इस प्रतिबंधित मांझे का जमकर प्रयोग करते दिखाई दिए। कोहरे के कारण आसमान धूमिल रहा। बताते चलें कि भारतीय परंपरा का उत्कृष्ट त्यौहार मकर संक्रांति भारत सहित भारतीय मूल के विदेशों में रहने वाले लोग भी उत्साह से मनाते हैं। इस पर्व पर सुबह स्नान ध्यान के पश्चात सूखे चावल, उड़द की दाल, तिलवा, पैसा पात्र में रखकर छूने के बाद पर्व का भारतीय व्यंजन लाई, ढूढ़ी, गट्टा, तिलवा आदि खाने वाली सामग्री ग्रहण करते है। तत्पश्चात परम्परागत इन सब सामानों का आदान-प्रदान पड़ोसियों के साथ किया जाता है। गौरतलब हो कि इस पर्व पर दान देने की परम्पराओं में घर के बुजुर्ग जन दरवाजे पर आये अन्य समुदाय के लोगों को भारतीय संस्कृति दान परम्परा की रश्में निभाते हुए सामर्थ्य के अनुसार अन्न दान व वस्त्र दान करते हैं।Jaunpur : हर्षोल्लास के साथ मना मकर संक्रांति का पर्व
byटीम संचार सेतु
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