चौकियां धाम, जौनपुर। स्थानीय क्षेत्र में स्थित शीतला चौकियां धाम में चल रहे सात दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा प्रवचन समापन के दौरान कथा वाचक अखिलेश चन्द्र पाठक ने कहा कि बैकुंठ धाम में शयन पर लेटे भगवान विष्णु व माता लक्ष्मी जी से कहते हैं कि हो सकता है मैं बैकुंठ धाम में न मिलूं। कहीं न मिलूं तो समझ लेना कि मैं किसी भक्त की भक्ति से वश में हो गया हूं। जो भक्त हमारा भजन-कीर्तन करते हैं। दीन-दुखियों की सेवा रक्षा करते हैं, नाम जप करते हैं। मैं उनकी भक्ति के वश में होकर उनके हृदय में बस जाता हूं। ऐसे भक्त के हृदय में मेरा निवास हो जाता है। उन्होंने कहा कि गीता, भागवत, रामायण, उपनिषद जैसे महान ग्रंथ मानव जीवन के लिए कल्याणकारी है। हमारे जीवन में भागवत कथा का वही महत्व है जो शरीर में आत्मा का होता है। जिस प्रकार आत्मा बिना शरीर निरर्थक है, उसी तरह भक्ति बिना जीवन शून्य है। जब मनुष्य पूरी तरह भक्ति मय हो जाता है। तब ज्ञान व वैराग्य स्वयं आ जाता है। जगत के सम्बन्ध का परिणाम दुख है और प्रभु से संबंध का परिणाम सुख ही सुख है।व्यवहार दुनियादारी में सबसे रखना चाहिए लेकिन मन को गोविन्द के चरणों में लगाना चाहिए। कथा समापन पर आरती करके भक्तों में प्रसाद वितरण किया गया। इस अवसर पर मुख्य यजमान कन्हैया लाल साहू, आचार्य प्रदीप उपाध्याय, आचार्य लोकेश पाण्डेय, त्रिजुगी नाथ त्रिपाठी, हनुमान त्रिपाठी, गुड्डू त्रिपाठी, मदन गुप्ता, शिव आसरे गिरी, राजू माली, पूजा साहू, शिवानी साहू, अनिल साहू, राजू माली सहित तमाम श्रोतागण मौजूद रहे।
Jaunpur : मानव जीवन के लिये कल्याणकारी है गीता भागवत रामायण: कथा वाचक
byटीम संचार सेतु
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