जिम्मेदार एवं हुक्मरान अधिकारी कर्मचारी मौन
महेश पाल/हिमांशु विश्वकर्मा
मड़ियाहूं, जौनपुर। स्थानीय तहसील प्रांगण में स्वच्छ भारत मिशन योजना अंतर्गत बने शौचालय में मूत्रालय में लगी नगर पंचायत के सरकारी पानी सप्लाई पाइप की टोटी से महीनों से पानी निरंतर दिन रात लगातार गिर रहा है। प्रतिदिन लाखों लीटर पानी का हो रहा है दुरुपयोग। इस दृश्य को प्रतिदिन सैकड़ों आम जनता, फरियादी, अधिवक्ता बाबू, कर्मचारी, लेखपाल, कानून गो रूबरू होते होंगे लेकिन किसी को भी जल संरक्षण की चिंता नहीं है। उपदेश देने अथवा कहने के लिए तो सभी लोग कहते हैं। जल ही जीवन है। जल नहीं तो कल नहीं, शहरों को छोड़िए, आजकल गांवों में भी कुछ लोग आरओ की बोतल 25 रूपये में खरीदते हैं एवं बिसलेरी एक लीटर का पानी 20 रुपए में खरीद कर पीते हैं। पानी और समय की कीमत महाराष्ट सहित अन्य बड़े महानगरों में जाने के बाद लोगों को पता चलता है। सरकारी व्यवस्थाओं एवं संस्थाओं, कार्यालयों के जिम्मेदार लोग सरकार की योजनाओं की धज्जियां उड़ाने एवं भ्रष्टाचार करने में जरा भी कोर कसर नहीं छोड़ते हैं।
महेश पाल/हिमांशु विश्वकर्मा
मड़ियाहूं, जौनपुर। स्थानीय तहसील प्रांगण में स्वच्छ भारत मिशन योजना अंतर्गत बने शौचालय में मूत्रालय में लगी नगर पंचायत के सरकारी पानी सप्लाई पाइप की टोटी से महीनों से पानी निरंतर दिन रात लगातार गिर रहा है। प्रतिदिन लाखों लीटर पानी का हो रहा है दुरुपयोग। इस दृश्य को प्रतिदिन सैकड़ों आम जनता, फरियादी, अधिवक्ता बाबू, कर्मचारी, लेखपाल, कानून गो रूबरू होते होंगे लेकिन किसी को भी जल संरक्षण की चिंता नहीं है। उपदेश देने अथवा कहने के लिए तो सभी लोग कहते हैं। जल ही जीवन है। जल नहीं तो कल नहीं, शहरों को छोड़िए, आजकल गांवों में भी कुछ लोग आरओ की बोतल 25 रूपये में खरीदते हैं एवं बिसलेरी एक लीटर का पानी 20 रुपए में खरीद कर पीते हैं। पानी और समय की कीमत महाराष्ट सहित अन्य बड़े महानगरों में जाने के बाद लोगों को पता चलता है। सरकारी व्यवस्थाओं एवं संस्थाओं, कार्यालयों के जिम्मेदार लोग सरकार की योजनाओं की धज्जियां उड़ाने एवं भ्रष्टाचार करने में जरा भी कोर कसर नहीं छोड़ते हैं।
Post a Comment