जौनपुर। अलीगढ़ से स्थानांतरित होकर आए अपर जिला जज मनोज कुमार अग्रवाल ने मोटर दुर्घटना दावा अधिकरण में शनिवार को कार्यभार ग्रहण किया। उन्होंने दुर्घटना संबंधित पत्रावलियों के त्वरित निस्तारण पर बल देते हुए कहा कि दुर्घटना में परिवार के मुखिया की मृत्यु होने पर परिजनों पर आर्थिक संकट आ जाता है। उन्हें जल्द से जल्द और ज्यादा से ज्यादा क्षतिपूर्ति दिलवाकर उनके जख्मों पर मरहम लगाना अधिकरण का उद्देश्य है।
14 दिसंबर को आयोजित राष्ट्रीय लोक अदालत में प्रीमीटिंग 4 दिसंबर, 7 दिसंबर व 11 दिसंबर को होगी। 7 दिसंबर की प्री मीटिंग में न्यू इंडिया, आईसीआईसीआई लोंबार्ड, एचडीएफसी, इफको टोकियो, ओरिएंटल, टाटा एआईजी समेत 11 बीमा कंपनी के मंडलीय स्तर के अधिकारियों को न्यायाधीश ने तलब किया गया है जिससे आपस में वार्ता के बाद अधिकतम मुकदमों का निस्तारण हो सके। अधिवक्ता हिमांशु श्रीवास्तव, राना प्रताप सिंह, बृजेश निषाद, निलेश निषाद, अरविंद अग्रहरि, सोभनाथ यादव ने माल्यार्पण कर एवं बुके देकर उनका स्वागत किया। पीड़ितों को त्वरित न्याय व अधिकतम क्षतिपूर्ति दिलवाने के मुद्दे पर चर्चा किया। इस अवसर पर अधिवक्ता सूर्य प्रकाश सिंह, वीरेंद्र सिन्हा, ज्ञान प्रकाश सिंह, एके सिंह, सूर्यमणि पांडेय, जेसी पांडेय, सनी यादव, संतोष सोनकर, रत्नेश अस्थाना, ईश्वर यादव, बृजेंद्र, वीरेंद्र त्रिपाठी, रंजीत, राजनारायण यादव आदि उपस्थित थे।
बता दें कि सीतापुर के मूल निवासी अपर जिला जज मनोज कुमार अग्रवाल पीसीएस जे की परीक्षा उत्तीर्ण कर 24 मई 2001 को लखीमपुर खीरी में सिविल जज के रूप में नियुक्त हुए थे। 2009 में सीजेएम कानपुर नगर रहे। 17 अप्रैल 2013 से 21 दिसंबर 2013 तक यहां दीवानी न्यायालय में सिविल जज सीनियर डिवीजन रहे। 23 दिसंबर 2013 को मुरादाबाद में अपर जिला जज बने। यहां स्थानांतरण के पूर्व वह अलीगढ़ में प्रधान न्यायाधीश थे।
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