पशुओं को पर्याप्त मात्रा में ताजा और स्वच्छ पानी पिलाने पर जोर दिया गया है। ठंड बढ़ने पर गुनगुने पानी का भी उपयोग किया जा सकता है। अत्यधिक ठंड के कारण पशुओं को सर्दी लग सकती है और शरीर का तापमान 99एफ से 100एफ तक हो सकता है। ऐसे में पशुओं को कैल्शियम, फॉस्फोरस, विटामिन बी कॉम्प्लेक्स और अन्य आवश्यक दवाएं दी जानी चाहिए। मुख्य पशु चिकित्साधिकारी ने बताया कि ठंड के दुष्प्रभावों से बचाव के लिए पशुओं को सुरक्षित स्थान पर रखना आवश्यक है। पशुओं को खुरपका-मुंहपका, एचएस, बकरियों में पीपीआर, ईटी जैसी बीमारियों से बचाने के लिए पशु चिकित्सालय में उपलब्ध टीके अवश्य लगवाएं। उन्होंने कहा कि रात में पशुओं को खुले स्थान पर न रखें और ठंडे पानी से नहलाने से बचें।
पशुओं को पर्याप्त मात्रा में ताजा और स्वच्छ पानी पिलाने पर जोर दिया गया है। ठंड बढ़ने पर गुनगुने पानी का भी उपयोग किया जा सकता है। अत्यधिक ठंड के कारण पशुओं को सर्दी लग सकती है और शरीर का तापमान 99एफ से 100एफ तक हो सकता है। ऐसे में पशुओं को कैल्शियम, फॉस्फोरस, विटामिन बी कॉम्प्लेक्स और अन्य आवश्यक दवाएं दी जानी चाहिए। मुख्य पशु चिकित्साधिकारी ने बताया कि ठंड के दुष्प्रभावों से बचाव के लिए पशुओं को सुरक्षित स्थान पर रखना आवश्यक है। पशुओं को खुरपका-मुंहपका, एचएस, बकरियों में पीपीआर, ईटी जैसी बीमारियों से बचाने के लिए पशु चिकित्सालय में उपलब्ध टीके अवश्य लगवाएं। उन्होंने कहा कि रात में पशुओं को खुले स्थान पर न रखें और ठंडे पानी से नहलाने से बचें।
إرسال تعليق