वाराणसी। शुक्रवार की देर रात वाराणसी जंक्शन /कैंट रेलवे स्टेशन की पार्किंग में लगी भीषण आग से 300 से ज्यादा दोपहिया वाहन जल कर खाक हो गई है। शॉर्ट सर्किट से आग लगने की आशंका जताई जा रही है। मिली जानकारी के अनुसार आग रात करीब एक बजे लगी थी। इसकी सूचना दमकल विभाग को भी दी गई, लेकिन रात दो बजे तक दमकल की गाड़ियां मौके पर नहीं पहुंच सकी थीं। रात दो बजे के बाद दमकल की छह गाड़ियां आईं और रात ढाई बजे तक आग पर काबू पाया जा सका। आरपीएफ और जीआरपी की तरफ से ही राहत-बचाव किया जा रहा था। जले दोपहिया वाहनों की अनुमानित कीमत करीब 2.70 करोड़ रुपये बताई जा रही है। वाहन पार्किंग की क्षमता करीब 400 की है। कैंट स्टेशन परिसर स्थित पार्किंग एरिया में शुक्रवार की रात नौ बजे शार्ट सर्किट की वजह से एक मोटरसाइकिल में आग लग गई थी। मोटरसाइकिल जलने लगी तो आसपास के लोगों ने बुझा दिया, लेकिन इसकी गंभीरता का ध्यान नहीं दिया। रेलवे प्रशासन ने घटना की अनदेखी की। रात एक बजे अचानक प्लेटफॉर्म संख्या एक के पास की दोपहिया वाहन पार्किंग में दोबारा आग लग गई। देखते ही देखते करीब 500 दोपहिया वाहन जलने लगे। इससे धुएं और आग का गुबार छा गया। स्टेशन परिसर में भगदड़ जैसी स्थिति बन गई। लोग इधर-उधर भागने लगे। वहीं, अग्निशमन विभाग के इंस्पेक्टर लालजी का कहना है कि करीब 300 गाड़ियां जली हैं। बाकी गाड़ियां हटाई गई हैं। बताया जा रहा है कि इस पार्किंग में रेलकर्मियों ने अपने दोपहिया वाहन खड़े किए थे। रेलकर्मियों के मुताबिक, पार्किंग से अक्सर तेल चोरी की शिकायत मिलती थी। दोपहिया वाहन से पेट्रोल निकाल लिए जाते थे। इसकी शिकायत भी की गई थी, लेकिन कोई प्रभावी कार्रवाई नहीं हुई। हो सकता है कि तेल चोरी के दौरान ही आग लगी हो। मामले की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए। इस घटना से रेलकर्मियों को बड़ा नुकसान हुआ है। इस वक्त एक मोटरसाइकिल की अनुमानित कीमत करीब 90 हजार रुपये है। इस हिसाब से 300 से ज्यादा मोटरसाइकिल की कीमत करीब 2.70 करोड़ रुपये होती है। कैंट रेलवे स्टेशन पर आग से बचाव के इंतजाम नहीं हैं। बाल्टी में पानी भरकर आग पर काबू पाने का प्रयास किया गया, लेकिन सफलता नहीं मिली। आग बढ़ती चली गई। फायर फाइटिंग सिस्टम भी काम नहीं आए। कैंट स्टेशन के अलग-अलग हिस्सों से फायर फाइटिंग सिस्टम लाने में भी समय लगा। इससे पहले ही आग ने विकराल रूप ले लिया। संदीप यादव, इंस्पेक्टर, आरपीएफ कैंट ने बताया कि रात दो बजे के बाद दमकल की पांच से छह गाड़ियां आई हैं। शार्ट सर्किट से आग लगने की आशंका है। मामले की जांच की जाएगी। आग की लपटें इतनी विकराल थीं कि आग के बीच किसी की जाने की हिम्मत नहीं हुई। किसी तरफ जीआरपी और आरपीएफ के जवान पार्किंग में घुसे और एक लेन में खड़ी 30 से अधिक वाहन को किसी तरह सुरक्षित स्थान पर पहुंचाएं। जीआरपी कैंट प्रभारी हेमंत कुमार सिंह और एसआई धनंजय मिश्रा और आरपीएफ के प्रभारी संदीप यादव और उनकी टीम ने अथक प्रयास से अन्य वाहन को बचा लिया। घंटों मशक्कत कर किसी तरह आग बुझाई गई। वरना जीआरपी, आरपीएफ बिल्डिंग के साथ ही प्लेटफार्म नंबर एक भी आग फैल जाती है। कैंटीन मैनेजर आनंद कुमार लकड़ा को वाहन स्टैंड की देखरेख की जिम्मेदारी थी। लोगों की मानें तो तारों से चिंगारी निकलकर एक बाइक पर गिरी। उसकी वजह से बाइक में आग लगी और स्टैंड में खड़ी अन्य गाड़ियों में फैल गई। हालांकि घटना के दौरान कोई जनहानि नहीं हुई। घटना को लेकर रेलकर्मियों में रोष है। पहले भी रेलकर्मियों की गाड़ियां जल चुकी हैं। वहीं गाड़ियों से तेल चोरी होने की घटनाएं भी हुई हैं। शिकायत के बावजूद वहां सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम नहीं किए गए। इसके चलते इतनी बड़ी घटना हुई। घटना के बाबत उत्तर रेलवे के उच्चाधिकारियों ने भी जानकारी ली है। कैंट स्टेशन निदेशक अर्पित गुप्ता भी मौके पर पहुंचे।
रेलवे कर्मियों का आरोप, आए दिन तेल चोरी से हुई ये घटना
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