खेल चरित्र निर्माण राष्ट्र निर्माण विषयक संगोष्ठी आयोजित
रामज्ञा यादव
जलालपुर, जौनपुर। क्रीड़ा भारती के राष्ट्रीय संगठन मंत्री प्रसाद महानकर ने कुटीर संस्थान द्वारा आयोजित खेल चरित्र निर्माण राष्ट्र निर्माण विषयक संगोष्ठी को संबोधित करते हुए कहा कि भारतवर्ष की खेल परंपरा अद्भुत है। क्रीड़ा भारती का प्रमुख उद्देश्य भारतीय खेलों के प्रति जागृत पैदा करना है। हम आधुनिक बने लेकिन दूसरी संस्कृति के अंधानुकरण से नहीं बल्कि अपनी स्वस्थ परंपराओं का निर्वहन करते हुए। संगोष्ठी दो सत्र में संपादित हुई। प्रथम सत्र में छात्राओं ने राष्ट्रीय खेल पर विभिन्न गीतों पर नृत्य प्रस्तुत किए। मुख्य अतिथि द्वारा उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले छात्र-छात्राओं का सम्मान हुआ। वैदिक मन्त्रोच्चार डॉ. सचिन शर्मा रुद्रांश ने अपने मुखारविद से गायन किया। संगोष्ठी के अगले क्रम में डॉ. अजयेंद्र कुमार दुबे व्यवस्थापक कुटीर संस्थान ने कहा कि भारतीय खेलों की प्रतिस्पर्धा पदकों के प्रति लालायित नहीं है अभी तो उत्तम स्वास्थ्य उत्तम चरित्र एवं उत्तम व्यक्तित्व और महान राष्ट्र के निर्माण का आधार है। धन्यवाद ज्ञापन प्राचार्य प्रो. राघवेंद्र कुमार पांडे ने किया। इस अवसर पर रजत दीक्षित पूर्वी क्षेत्र कीड़ा भारती रवि सिंह, पंकज श्रीवास्तव एडवोकेट, वीरेंद्र नाथ उपाध्याय, श्रीमती सोनी कुंवर, भरत सिंह, शरद मिश्र, त्रिलोकी नाथ मिश्र, धर्मेंद्र दुबे, राहुल अवस्थी, कैलाश सिंह, डॉ. सीबी पाठक समेत क्षेत्र के संभ्रांत लोग उपस्थित रहे। संचालन अनामिका शुक्ल एवं गौरव मिश्र ने किया।
रामज्ञा यादव
जलालपुर, जौनपुर। क्रीड़ा भारती के राष्ट्रीय संगठन मंत्री प्रसाद महानकर ने कुटीर संस्थान द्वारा आयोजित खेल चरित्र निर्माण राष्ट्र निर्माण विषयक संगोष्ठी को संबोधित करते हुए कहा कि भारतवर्ष की खेल परंपरा अद्भुत है। क्रीड़ा भारती का प्रमुख उद्देश्य भारतीय खेलों के प्रति जागृत पैदा करना है। हम आधुनिक बने लेकिन दूसरी संस्कृति के अंधानुकरण से नहीं बल्कि अपनी स्वस्थ परंपराओं का निर्वहन करते हुए। संगोष्ठी दो सत्र में संपादित हुई। प्रथम सत्र में छात्राओं ने राष्ट्रीय खेल पर विभिन्न गीतों पर नृत्य प्रस्तुत किए। मुख्य अतिथि द्वारा उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले छात्र-छात्राओं का सम्मान हुआ। वैदिक मन्त्रोच्चार डॉ. सचिन शर्मा रुद्रांश ने अपने मुखारविद से गायन किया। संगोष्ठी के अगले क्रम में डॉ. अजयेंद्र कुमार दुबे व्यवस्थापक कुटीर संस्थान ने कहा कि भारतीय खेलों की प्रतिस्पर्धा पदकों के प्रति लालायित नहीं है अभी तो उत्तम स्वास्थ्य उत्तम चरित्र एवं उत्तम व्यक्तित्व और महान राष्ट्र के निर्माण का आधार है। धन्यवाद ज्ञापन प्राचार्य प्रो. राघवेंद्र कुमार पांडे ने किया। इस अवसर पर रजत दीक्षित पूर्वी क्षेत्र कीड़ा भारती रवि सिंह, पंकज श्रीवास्तव एडवोकेट, वीरेंद्र नाथ उपाध्याय, श्रीमती सोनी कुंवर, भरत सिंह, शरद मिश्र, त्रिलोकी नाथ मिश्र, धर्मेंद्र दुबे, राहुल अवस्थी, कैलाश सिंह, डॉ. सीबी पाठक समेत क्षेत्र के संभ्रांत लोग उपस्थित रहे। संचालन अनामिका शुक्ल एवं गौरव मिश्र ने किया।
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