खुटहन, जौनपुर। स्थानीय विकास खंड क्षेत्र के धिरौली नानकार स्थित बाबा बान दईत मंदिर परिसर में मुख्य यज्ञाचार्य वशिष्ठ नारायण चतुर्वेदी व आचार्य शिव कुमार त्रिपाठी ने वैदिक मंत्रोच्चार एवं विधि-विधान से कलश व बेदी पूजन व रूद्राभिषेक किया। इसके पश्चात वरिष्ठ दंत चिकित्सक डा. सूर्यभान यादव ने कन्याओं व महिलाओं के साथ भव्य कलश यात्रा निकाली। इस दौरान उन्होंने बताया कि कलश में समस्त देवी-देवताओं के साथ सभी तीर्थों का वास होता है। कलश को ब्रह्मांड में मौजूद शक्ति का प्रतीक भी माना जाता है। कलश को सिर पर धारण करने से मन व आत्मा की शुद्धि होती है। महिलाएं जिस क्षेत्र में कलश लेकर चलती हैं। वहां का वातावरण शुद्ध हो जाता है और हर जगह मंगल ही मंगल होता है। इस अवसर पर टिंकू यादव, आशीष यादव, लक्ष्मी शंकर यादव, कमलेश विश्वकर्मा, दिनेश यादव, राम केवल विश्वकर्मा, पंकज यादव सहित तमाम लोग मौजूद रहे।
मंदिर का इतिहास एवं महत्व
बाबा बान दईत का मंदिर करीब 200 वर्षों से भी पुराना माना जाता है। इस मंदिर के अस्तित्व के बारें में किसी को कुछ भी नहीं ज्ञात है। इस मंदिर के आगे कई पीढ़ियां गुजर गईं। स्थानीय लोगों के मुताबिक 80 कोष में यह मंदिर विख्यात है। विवाहित नव युगल यहां सिंदूर चढ़ााने आते हैं। इसके अलावा जिनकी मन्नतें पूरी होती हैं यहां कड़ाही चढ़ाने आते हैं। इस मंदिर का जीर्णोद्धार डा. सूर्यभान यादव ने करवाया था।
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