कदम रसूल छोटी लाइन इमामबाड़े से निकला कदीम जुलूस, हुईं मजलिसें
देश के जाने-माने शिया धर्मगुरूओं ने मजलिस को किया खेताबजौनपुर। जमीने मुबारक कदम रसूल छोटी लाइन इमाम बारगाह भंडारी स्टेशन के समीप हिन्दू-मुस्लिम एकता के प्रतीक शिया पंजतनी कमेटी के तत्वावधान में 27वां आल इण्डिया मजलिसे अजा व जुलूस सम्पन्न हुआ।
इस अजीमुश्शान मजलिस में मुजफ्फरनगर से आये मौलाना सैय्यद अजादार हुसैन ने कहा कि ईमाम हुसैन अ.स. की कर्बला के मैदान में दी गयी कुर्बानी रहती दुनिया तक न सिर्फ याद की जाती रहेगी, बल्कि इंसानियत के लिए दर्स देने का काम करती रहेगी। दुनिया में कुर्बानिया तो बहुत दी गयी लेकिन ऐसी कुर्बानी किसी भी धर्म के इतिहास में नहीं मिलती। मौलाना हाफ़िज़ सैय्यद जैगम अल गरवी व मौलाना हाशिर ज़ैदी लखनऊ ने कहा कि कर्बला के मैदान में बुजुर्ग से लेकर जवान और बच्चे तक के साथ इस हद तक बर्बता की गयी कि किसी भी सदी में जब यह दास्तां बयां की जायेगी तो जिस इंसान के सीने में दिल होगा, उसकी आंखें जरुर छलक उठेंगी।
मौलाना बाक़र मेंहदी अम्बेडकरनगर ने कहा कि इमाम हुसैन अ.स. के चाहने वालों को चाहिए कि उनके संदेश से ऐसी जागरुकता पैदा करें कि इंसान के दिलों की आंखे रोशन हो जाय। मजलिस का आगाज तिलावते कलाम-ए-पाक से मौलाना शेख हसन जाफर ने किया। सोजख्वानी सैय्यद गौहर अली ज़ैदी व हमनवां ने किया। पेशखानी मुंतज़िर, जौनपुरी, डॉ शोहरत, हसन फतेहपुरी, वसी जौनपुरी, आबाद, खुमैनी आफाकी, ज़मीर व मेंहदी जौनपुरी अब्बास शिराज़ी बनारसी ने अपने कलाम पेश कर कर्बला के शहीदों को नजराने अकीदत पेश किया।
अलविदाई मजलिस मौलाना सैय्यद अजादार हुसैन ने पढ़ते हुए बताया कि इतिहास गवाह है कि हजरत मोहम्मद साहब व उनके नवासों ने अपना लहू देना गवारा समझा और इसके लिए सर कटाने से भी पीछे नहीं हटें। मजलिस के बाद शबीहे ताबूत, अलम मुबारक व जुलजनाह निकाला गया जिसमें अंजुमन शमशीरे हैदरी के शहजादे ने नौहाख्वानी व मातम करती रही या हुसैन की सदा के साथ,जुलूस अपने कदीम रास्ते से होता हुआ इमामबारगाह कदम रसूल में जाकर खतम हुआ।
इस अवसर पर दिनेश टंडन, सोमेश्वर केसरवानी, सुभाष चौधरी, ज्ञान कुमार, मौलाना मनाज़िर हसनैन, असगर मेंहदी, वक़ार हुसैन,, रियाज़ मोहसिन, रूमी आब्दी, नेहाल हैदर, एजाज हुसैन, कैफी रिजवी, नियाज़, सैय्यद हसनैन कमर, अजादार हुसैन समीर प्रधान बिस्वा, नयाब हसन, शम्सी आज़ाद सहित हजारों की संख्या में मोमनीन मौजूद रहे। अन्त में कमेटी की ओर से शाहिद मेंहदी ने लोगों के प्रति आभार प्रकट किया। कार्यक्रम का संचालन बेलाल हसनैन व मौलाना शेख हसन जाफर ने संयुक्त रूप से किया।
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