मड़ियाहूं, जौनपुर। ईश्वर ही सर्वोपरि है। भगवान की लीला से ही सारा संसार चल रहा है। भगवान श्रीकृष्णा माता के साथ मित्र के साथ गोपियों के साथ अपने सखाओं के साथ लीला कर सबके मन को मोह लिया था। उक्त बातें प्रयागराज से पधारे कथा वाचक डॉ नरेंद्र नाथ ने श्रीमद् भागवत कथा के अंतिम दिन ग्राम परसथ में सोमवार को देर शाम कथा करते हुए कहा।
इन्होंने सुदामा और श्री कृष्ण के मित्रता का वर्णन करते हुए अपनी कथा के माध्यम से श्रोताओं को भाव विभोर कर दिया। भगवान श्री कृष्णा ने संसार के लोगों को संदेश दिया। दर्शाया और बताया कि मित्रता का रिश्ता बहुत ही पवित्र होता है। अमीरी और गरीबी मित्रता के पवित्र रिश्ते में बाधा नहीं बनती है। ईश्वर सर्वत्र हैं। उन्हें पुकारने की जरूरत है जब आप उन्हें हृदय से सर्वभावेन पुकारेंगे तो आपके प्रेम में दौड़े दौड़े चले आएंगे।उन्होंने बताया कि आपको यह मानव तन मिला है तो जब भी समय मिले, उनके लीला रूप नाम कथा वार्ता में अवश्य समय देना चाहिए। जितना अधिक आपका प्रेम भगवान से बढ़ेगा, उतना ही जीवन में आनंद की स्रोत की धारा बहती जाएगी, फिर मानव का कल्याण ही कल्याण है। इस अवसर पर मनोज तिवारी, राजकृष्ण शर्मा, गायत्री शुक्ला, संतोष त्रिपाठी, संतोष मिश्रा, संजीव गुप्ता सहित तमाम लोग उपस्थित रहे। अन्त में आयोजक केशव तिवारी ने सभी आगंतुकों के प्रति धन्यवाद ज्ञापित किया।
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