Jaunpur News : ​तीन सगी बहनें बनी यूपी पुलिस में सिपाही

सिकरारा, जौनपुर। स्थानीय क्षेत्र के महम्मदपुर अजोशी गांव में एक पिता ने बेटा और बेटियों के हर फर्क को मिटाने का प्रयास करने का बीड़ा उठाया। स्वतंत्र चौहान उर्फ पप्पू ने अपने तीन बेटियों को खेल की तरफ ले गए। तीनों बेटियों को अथक प्रयास से एक ही साथ यूपी पुलिस में सिलेक्शन हो गया जिससे गांव सहित परिजनों में खुशी व्याप्त हो गई है। मड़ियाहूं तहसील क्षेत्र के महम्मदपुर गांव निवासी स्वतंत्र देव चौहान के पास तीन पुत्रियां क्रमशः खुशबू, कविता और सोनाली चौहान व एक पुत्र प्रिंस चौहान है जिसमें बड़ी पुत्री खुशबू चौहान की शादी हो गई है, जिसका बीए कंप्लीट हो गया है। दूसरे नंबर की पुत्री कविता की शादी अभी नहीं हुई है, लेकिन बीए कंप्लीट हो गया है और तीसरी पुत्री सोनाली की शादी अभी नहीं हुई है। उसका बीए अंतिम वर्ष चल रहा है। चौथे नंबर का पुत्र प्रिंस कुमार चौहान है जो एसआई की तैयारी में लगा हुआ है। माता छाया देवी घर पर रहकर गृहस्थी संभालने का कार्य करती हैं। पिता स्वतंत्र देव चौहान बाहर रहकर ठेकेदारी का कार्य करते हैं लेकिन दोनों पति-पत्नी में मिलकर समाज को एक आईना दिखाने का कार्य किया है। बेटियों को खेल से लेकर पढ़ाई तक की जिम्मेदारी उठाते हुए उनको आगे बढ़ने का कार्य किया है। साथ-साथ बेटियों ने भी माता-पिता का कद्र करते हुए पढ़ कर तैयारी करने वाले हर बेटियों को आईना दिखाते हुए यह साबित कर दिया है कि हौसला बुलंद है तो कामयाबी मिलने में देरी नहीं लगती है। फिलहाल पूछने पर तीनों बहनों ने बताया कि मैं हर माता-पिता को यह संदेश देना चाहती हूं कि बेटा और बेटी में किसी भी प्रकार का कोई फर्क न समझें, बेटियों को भरपूर शिक्षा देने का प्रयास करें और साथ में मैं उन बहनों को भी संदेश देना चाहती हूं कि माता-पिता व समाज का कद्र करते हुए आगे बढ़ने का प्रयास करें। इस संसार में ऐसा कुछ भी नहीं है, जिसे हासिल नहीं किया जा सकता है। जब बेटियों से पूछा गया कि आगे क्या तैयारी है? तो बेटियों ने बताया कि यह तो एक ट्रायल था आगे तैयारी चल रही है। फिलहाल उक्त तीनों बेटियों के घर पर बधाई देने वालों का तांता लगा हुआ है। साथ में लोग यह भी जानने के लिए उत्सुक हैं कि आखिर तीनों बेटियों का यूपी पुलिस में एक साथ सिलेक्शन कैसे हो गया?
  • जमीन बेचकर कराई पढ़ाई
बेटियों के पिता स्वतंत्र देव से पूछा गया कि आपने अपने तीनों बेटियों को कैसे पुलिस बना दिया? क्योंकि आज की शिक्षा व्यवस्था बहुत महंगी हो गई है तो उन्होंने कहा कि अपने बेटियों को पढ़ने के लिए मैं अपना खेत तक बेच दिया हूं, क्योंकि मेरे अंदर एक जुनून और जज्बा था कि अपने बेटियों को पढ़ा लिखाकर कुछ बनाना है। बेटियों से जो मैं कहता था, उसका वह पालन भी करती थी। खेल में भी उनकी रुचि थी। खेल में भी बेटियों ने बहुत ही मुकाम हासिल किया है और पढ़ाई में भी उनकी रूचि थी। उनके अंदर भी जज्बा था कि हमें कुछ बनना है।

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