Jaunpur News : ​मन एवं मनुष्याणां कारण बन्धन मोक्षयोः मनोज अवस्थी

सुइथाकला, जौनपुर। स्थानीय विकास खण्ड स्थित पिपरौल गांव में प्रधानाचार्य रमेश चन्द्र मिश्र के निज निवास पर चल रही सप्त दिवसीय श्रीमद्भागवत महापुराण कथा के तृतीय दिवस पर श्रीमद्भागवत अन्तरराष्ट्रीय कथा व्यास मनोज अवस्थी जी महाराज ने उपस्थित श्रोताओं को कपिलोपाख्यान, ध्रुव चरित्र भरत एवं प्रह्लाद चरित्र की कथा का रसपान कराया।
कपिलोपाख्यान का वर्णन करते हुए कथा व्यास ने कहा कि कपिल भगवान ने माता देवहूति से कहा था कि जगत से आसक्ति ही सुख-दुख का कारण है। वास्तव में मन हीं बन्धन और मोक्ष का कारण है। अगर मन संसार के प्रति आसक्त है तो वह दुख का कारण बन जाता है। यही आसक्ति अगर परमात्मा की भक्ति बन जाय तो प्राणि मात्र के लिए मोक्ष का द्वार स्वयं खुल जाता है। संत प्रवर ने कहा कि सब कुछ देकर कुछ न लेने वाला केवल परमात्मा हीं है। हमें जीवन में परमात्मा और पंचमहाभूतों के प्रति कृतज्ञ रहना चाहिए।
भक्त प्रहलाद की कथा के क्रम में कथा व्यास ने भगवान के द्वादश अवतारों की कथा के क्रम में कहा कि अपने भक्त की रक्षा स्वयं  नारायण करते हैं और समयानुरूप अवतार लेकर भक्तों का कष्ट दूर करते हैं। भगवान विष्णु ने नृसिंह भगवान का अवतार लेकर हिरण्यकश्यप का वध किया और अपने भक्त की रक्षा किये। कथा समापन अवसर पर उपस्थित भक्तजन आरती लेकर प्रसाद ग्रहण किये।
श्रीमद्भागवत कथा संयोजक मण्डल में एडवोकेट कपिलदेव मिश्र, अमित मिश्रा, उमेश मिश्र, आदर्श मिश्र, आशीष मिश्र, प्रशान्त मिश्र, अर्पित मिश्र, अंकित मिश्र, शिवम मिश्र, प्रफुल मिश्र, आर्विक मिश्र, शवी मिश्र, सार्थक मिश्र, शौर्य मिश्र, अथर्व मिश्र आदि रहे। इस अवसर पर राजनाथ तिवारी, ओम प्रकाश तिवारी, जय प्रकाश तिवारी, राजकरन, हरिशंकर, विजयशंकर, ओंकार, उदयशंकर, राजेश कुमार, कमलेश, बृजेश, देवेश, राहुल सहित तमाम लोग उपस्थित रहे।

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